चालू वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि आर्थिक मोर्चे पर सरकार इस बार काफी सतर्कता बरत रही है। खासकर वर्तमान के आकलन और भविष्य के लक्ष्य तय करने के मामले में। बड़ी-बड़ी उम्मीदें बांधने की बजाय उसने व्यावहारिक रवैया अपनाया है। मसलन, अगले वित्त वर्ष की विकास दर को ही लें। सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगले साल जीडीपी की विकास दर सात से साढ़े सात फीसदी के...
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बोवनी नहीं हो पाई तो भी फसल बीमा के दायरे में : मोदी
भोपाल। सालभर पहले जो लोग मुझ पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते थे, वे भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कारण चुप हो गए हैं। इस योजना में गांव के एक किसान को नुकसान हुआ तो भी उसे क्लेम मिलेगा। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सीहोर जिले के शेरपुर गांव में किसान महासम्मेलन में फसल बीमा की गाइडलाइन जारी करने के दौरान कही। मोदी ने कहा...
More »बेहाल किसान और ढेर सारी योजनाएं- जयंतीलाल भंडारी
इस समय देश में किसानों और कृषि क्षेत्र की हालत अच्छी नहीं है। ग्रामीण इलाकों में खपत में कमी और देहातों में बढ़ती परेशानी गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। यह चिंता इसलिए भी बढ़ गई है कि खराब मौसम की मार के चलते कृषि क्षेत्र का संकट इस साल और गहराने की आशंका है। दूसरी ओर, वैश्विक स्तर पर जिंस बाजार के असामान्य व्यवहार और कीमतों में गिरावट...
More »कई इलाकों में सूख गये कुएं...
रांची: राजधानी में जल संकट गंभीर रूप लेता जा रहा है. खास कर रातू रोड का इलाका गरमी के आने से पहले ही भीषण जल संकट से जूझ रहा है. जनवरी माह में ही कुएं का पानी पाताल छू रहा है. ऐसे में आनेवाले समय में क्या स्थिति हो सकती है, इसका अंदाज अभी से लगाया जा सकता है. रातू रोड के कुछ मुहल्लों में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न...
More »महबूबनगर जिले के हाल से सामने आया मनरेगा के 10 सालों का सच - चक्रधर बुद्ध/ राजेंद्रन नारायणन
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून(मनरेगा ) को 10 साल पूरे हो गए हैं। एनडीए सरकार का दावा है कि इसके शासन के चलते इस योजना को लागू करने में बदलाव आया है। इस दावे की सच्चाई पर सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि कई जगहों पर इसे लागू करने में कमियां रही है। इस पर ध्यान देने के लिए हम तेलंगाना के महबूबनगर जिले के घटू मंडल का उदाहरण...
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