प्रभात खबर,नयी दिल्ली : सतत और बेहतर तंत्र से शहरीकरण के प्रारूप में बदलाव लाने पर जोर देते हुए शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन वाला तरीका अपनाने की जरूरत है. उन्होंने सतत शहरीकरण कार्यक्रम में पीपीपी की महत्ता को भी रेखांकित किया. नायडू ने दक्षिण एशिया में सतत शहरीकरण पर क्षेत्रीय नीति वार्ता का यहां शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि नये शहरों...
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मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनता झारखंड, खुद कर रहा 1.04 लाख टन मछली का उत्पादन
प्रभात खबर,रांची: जल की रानी मछली अब झारखंड के लोगों की जिंदगानी बन रही है. पालने, खाने-खिलाने व बेचने की पसंदीदा चीज. सरकारी आंकड़े के अनुसार राज्य के करीब 60-65 फीसदी लोग मछली या इसके उत्पाद का सेवन करते हैं. मछली का उत्पादन झारखंड में लगातार बढ़ रहा है. यह सरकार व मत्स्य किसानों के मिले-जुले प्रयास का परिणाम है. अभी मछली की घरेलू जरूरत प्रति वर्ष 1.40 लाख टन है,...
More »छह नई तकनीकों से नहीं पड़ेगा जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव
एक्सक्लूसिव, रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए छह नई तकनीक ईजाद की है। कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि यदि इन तकनीकों का सही तरीके से इस्तेमाल किए जाए तो छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इनमें भाटा (बंजर) भूमि विकास तकनीक, वर्षा जल संरक्षण के लिए डबरी तकनीक, उन्नत खुर्रा बोनी तकनीक, एकीकृत कृषि पद्धति तकनीक, सूखा रोधी...
More »प्लेटों के आने की आवाज तो आ रही है, खाना नहीं आ रहा : अरुण शौरी
अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे प्रख्यात पत्रकार अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम काज पर सवाल उठाया है. ‘इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में उन्होंने बड़ी बेबाकी से प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली, योजना आयोग, संस्कृत भाषा के मुद्दे और केंद्र में राजनीतिक नियुक्तियों पर कटाक्ष टिप्पणियां की हैं. उनकी इस टिप्पणी से नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में कुछ खास नहीं होने...
More »कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर भारत सहित 190 देशों के बीच समझौता
प्रभात खबर,लीमा: लीमा में आज भारत समेत 190 से ज्यादा देशों ने धनी और गरीब देशों के बीच गतिरोध समाप्त करते हुए वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एक प्रारूप को स्वीकार कर लिया. जिससे अब जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए अगले साल पेरिस में नए महत्वाकांक्षी एवं बाध्यकारी करार पर हस्ताक्षर के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया. लीमा में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की तकरीबन...
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