खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...
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बिहार को 4130 करोड़ रुपये की मंजूरीः जयराम
पटना: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आज बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बिहार में 5700 किलोमीटर सडकों के निर्माण के लिए इस वर्ष जुलाई महीने में 4130 करोड रुपये की मंजूरी दी गयी है. बिहार के नक्सल प्रभावित पश्चिमी चंपारण जिला में ग्रामीण कार्यों की समीक्षा के लिए यहां आए जयराम ने पटना स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया...
More »वे आदिवासियों के हितैषी नहीं- विनोद कुमार
तरीके से फैलाई गई है कि माओवादी आदिवासियों के रहनुमा हैं। जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी वजह से मेधा पाटकर, अरुंधति राय, स्वामी अग्निवेश जैसे सामाजिक कार्यकर्ता जब-तब माओवादियों के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। लेकिन यह भ्रम है। यह इत्तिफाक है कि अपने देश का जो वनक्षेत्र है वही जनजातीय क्षेत्र भी है, और माओवादी छापामार युद्ध की अपनी...
More »देवली ब्रह्रग्राम की विधवाओं की मदद करेगा सुलभ
जनसत्ता संवाददाता, नयी दिल्ली। उत्तराखंड में गुप्तकाशी से सात किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव है, जहां के लगभग सभी विवाहित पुरुष पिछले दिनों आई आपदा बाद से लापता हैं। उनके बचे होने की उम्मीद न के बराबर है। इस भीषण त्रासदी के बाद देवली ब्रह्मग्राम को गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल ने गोद लेने का फैसला किया है। सुलभ के बिंदेश्वर पाठक ने इस गांव के छह टोलों की सभी...
More »पहाड़ के दुख के बीच रैम्बोगीरी
जनसत्ता 4 जुलाई, 2013: जोसेफ हैलर के प्रसिद्ध उपन्यास ‘कैच ट्वेंटी टू' में किसी नकली बीमारी का बहाना बना कर खुद को युद्धक्षेत्र भेजे जाने से मुक्त कर चुका बमवर्षक यूनिट का पादरी पाता है कि आह, भरोसेमंद तरीके से सचमुच का झूठ बोल जाना कितना सहज है! छाती ठोंक कर वह कहता है कि दरअसल निर्ममता को देशप्रेम और परउत्पीड़न को न्याय का पर्याय बताने वाले सफेद झूठों को...
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