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किसानों और सरकारी बैंकों की लूट के लिए नया सौदा तैयार

-न्यूजक्लिक, ऋण, भूमि उपयोग को बदलने का शक्तिशाली औजार है और एसबीआई-अडानी सौदा, भूमि उपयोग के पैटर्न में इस तरह का बदलाव करने का ही एक तरीका है। दूसरे शब्दों में, ऐसे ‘‘राष्ट्रीयकृत बैंक-एनबीएफसी’’ सौदों के जरिए, सरकार वह हासिल करने की कोशिश कर रही है, जो वह तीन कृषि कानूनों के रास्ते से हासिल नहीं कर पायी है। ऐसे सौदों को वैसे ही भीषण तरीके से तथा वैसी ही एकाग्रता...

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कर्ज की जंजीर तोड़ने और राजस्व बढ़ाने के लिए मोदी सरकार इस बजट में कर सकती है दो उपाय

-दी प्रिंट, जनवरी का महीना आते ही अगले केंद्रीय बजट के बारे में चर्चाएं शुरू हो जाती हैं. जैसा कि हर मामले में होता है, निरर्थक बातों को परे रखकर काम की बातों पर ध्यान देना ही बेहतर होगा. शुरुआत सरकारी कर्ज से करें, जो महामारी के कारण बड़े घाटे के चलते तेजी से बढ़ गया है. राजस्व की हानि के चलते खर्चों से बचना मुश्किल था, हालांकि वे अपेक्षाकृत रूप...

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उन्होंने कहा महिलाओं के बस की नहीं खेती; संगीता ने 30 लाख/वर्ष कमाकर किया गलत साबित

-द बेटर इंडिया, “मुझसे कहा जाता था कि एक अकेली महिला खेत नहीं संभाल सकती है, इसलिए मैं कभी सफल नहीं हो पाऊंगी। लेकिन मैं ऐसी बातें कहने वालों को गलत साबित करना चाहती थी।” यह कहना है नासिक के मटोरी गांव में अंगूर की खेती (Grapes farming) करने वाली महिला किसान संगीता पिंगले का।  जिंदगी ने कदम-कदम पर संगीता का कड़ा इम्तिहान लिया है। पहले उन्होंने अपने बच्चे को खोया और...

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दिल्ली के गरीब भूखे और हताश हैं, उनके पेट में भूख की 'आग' जल रही है

-न्यूजक्लिक, बढ़ते कर्ज़, महीनों का बकाया किराया, बेटी की शादी के लिए लिया गया कर्ज़ और अपने दो बेटों की शिक्षा पर होने वाले खर्च ने, हसनारा बेगम की रातों की नींद हराम कर रखी है और उसका परिवार दैनिक भोजन के इंतजाम के लिए संघर्ष कर रहा है। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की रहने वाली हसनारा बेगम दिल्ली के उन लाखों निवासियों में शामिल हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं...

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किसानों और खेतिहर मजदूरों की खुदकुशी: पंजाब की जमीनी हकीकत बनाम सरकारी आँकड़े

-गांव सवेरा, भारत में दुर्घटनावश मौतों और खुदकुशी पर राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (एनसीआरबी) के ताज़ा आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते नज़र आते हैं कि देश में किसानों की आत्‍महत्‍या के मामलों में गिराव्रट आ रही है। मुख्‍यधारा का मीडिया जोरशोर से प्रचारित कर रहा है कि किसानों की खुदकुशी के मामले घटे हैं। इन रिपोर्टों के मुताबिक किसानों के मुकाबले अब खेतिहर मजदूर और दूसरे तबके के लोग...

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