मध्यप्रदेश के होशंगाबाद शहर से कुछ ही दूरी पर है टाइटस फार्म। होशंगाबाद भोपाल सड़क मार्ग पर नर्मदा नदी के तट पर स्थित इस इलाके में प्राकृतिक खेती होती है जोकि जमीन की जुताई किए बगैर की जाती है। इस इलाके में फसल के अवशेषों को जलाने के बजाय उससे भूमि ढकाव करते हैं, जिससे खेत में नमी रहती है और जल संचय होता है। उसमें पनपने वाले केंचुए और...
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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी
शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...
More »किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से की मूल्यवृद्धि की ज़रूरत: स्वामीनाथन
नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने और इसके लिए जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नई पहल कर सकती है. स्वामीनाथन ने आम बजट के...
More »प्रभात खबर से खास बातचीत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, किसानों से किये गये सभी वायदे हुए हैं पूरे
छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद, जनसंघ काल में ही राजनीति से जुड़े आरएसएस के स्वयंसेवक राधा मोहन सिंह बिहार के पूर्वी चंपारण से पांच बार सांसद चुने गये हैं. वह भाजपा के संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में लक्ष्य तय करने, देश में मौजूदा समय में कृषि के समक्ष चुनौतियों, किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषि से जुड़े...
More »पैदावार में घुलता जहर-- अभिजीत मोहन
यह राहत की बात है कि केंद्र सरकार कीटनाशकों के दुष्प्रभावों पर गंभीरता से विचार करते हुए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक को संसद से पारित कराने की दिशा में विचार करने को तैयार है। इस विधेयक को संसद से स्वीकृति मिलना इसलिए भी जरूरी है कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए दिन कीटनाशकों के खतरनाक इस्तेमाल से किसानों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। गौर करें तो विगत...
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