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केंद्रीय बजट 2022-23 में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के पीछे का सच

-न्यूजक्लिक, वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण का केंद्रीय बजट 2022-23 एक ही जुनून (obsession) पर आधारित है। यह जुनून बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) बढ़ाने का है। धारणा यह है कि इस तरह के big-ticket वाले बुनियादी ढांचे के खर्च से अतिरिक्त मांग पैदा होगी और निजी निवेश का खुद ही प्रवेश होगा, और इस तरह विकास को बढ़ावा मिलेगा।  न्यूज़क्लिक ने पूर्व वित्त सचिव श्री एस.पी. शुक्ला से केंद्रीय...

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की फंडिंग में कटौती से प्रभावित हो सकते हैं फसल के खराब होने की मार झेल रहे किसान

18 फरवरी 2016 को, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया. इसके लॉन्च के बाद, पीएमएफबीवाई को खरीफ 2016 के दौरान 21 राज्यों द्वारा लागू किया गया था, जबकि 2016-17 के रबी सीजन में 23 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना को लागू किया. केंद्र सरकार ने 2016 के खरीफ सीजन में बेमौसम और खराब मौसम के कारण किसानों को...

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गैर वाजिब बटवारा संसाधनों का पुनर्वितरण हमारे भविष्य के लिए अनिवार्य

-कारवां, 2019 में मैंने ट्विटर पर एक इन्फोग्राफिक देखा जिसमें पेड मैटरनिटी लीव (वैतनिक मातृत्व अवकाश) देने वाले देशों के नाम थे. पता चला कि संयुक्त राज्य अमेरिका वैतनिक मातृत्व अवकाश नहीं देता है. इस सूची में भारत का स्थान ब्रिटेन के बाद, दूसरे नंबर पर है. हमारे यहां 26 सप्ताहों का वैतनिक मातृत्व अवकाश मिलता है. मुझे यह बात जरूर खली कि मातृत्व अधिकार अधिनियम केवल संगठित क्षेत्र में लगी औरतों के...

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सार्वजनिक निवेश के बल पर टिकी विकास की रणनीति को वैश्विक मुद्रास्फीति से ख़तरा है

-द वायर, वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट को पिछले आठ वर्षों से ठहर से गए निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आखिरी कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है. प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का कार्यकाल लगभग एक दशक पूरा करने की ओर बढ़ रहा है. उन्हें यह चिंता अवश्य सता रही होगी कि आय, निजी निवेश, रोजगार, बचत ओर पूंजी निर्माण जैसे विभिन्न अहम...

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39.44 लाख करोड़ के बजट में आम लोगों को कोई राहत नहीं

-रूरल वॉइस, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 39.44 लाख करोड़ के बजट में आम लोगों को कोई राहत नहीं, इंडस्ट्री के लिए भी प्रावधान थोड़े वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश किए गए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इनकम टैक्स दर या स्लैब से संबंधित प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया है। महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये से...

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