संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...
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भुखमरी और कुपोषण के बीच संसद की स्थायी समिति की नई रिपोर्ट
भुखमरी और कुपोषण को मिटाने के मामले में देश कौन से कदम उठाये, इस बारे में जारी बहस को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की समीक्षा के लिए बनी स्थायी समिति की रिपोर्ट ने नए सिरे से छेड़ दिया है। गौरतलब है कि रिकार्डतोड़ अन्न-उपार्जन और साल-दर साल बनी रहने वाली उच्च वृद्धि दर के बावजूद कुपोषण और भुखमरी को मिटाने के मामले में भारत का रिकार्ड संतोषजनक नहीं रहा है।...
More »क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?
अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
More »बिनायक सेन को उम्रकैद- लोकतंत्र घायल !
मध्यभारत के जनजातीय इलाकों में तीन दशक से भी ज्यादा समय तक निस्वार्थ जनसेवा में जीवन बिताने वाले डाक्टर बिनायक सेन को देशद्रोह के आरोप में आजीवन कैद की सज़ा सुनाये जाने पर नागरिक संगठन हतप्रभ और आतंकित हैं। रायपुर के सेशन कोर्ट के जज ने बिनायक सेन के साथ पीयूष गुहा और नारायण सान्याल को भी देशद्रोह के आरोप में उम्रकैद की सज़ा सुनायी है। देशभर में कोर्ट के...
More »महाजनों और बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों के खिलाफ अनाज बैंक
आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा गांव अब पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है। खास बात यह है कि यह ३४ महिला किसानों की एक पहल है। इन किसानों ने एक अनाज बैंक बनाया है, जो अपने-आप में एक अनूठा उदाहरण है। यह पहल यह साबित करती है कि अगर परंपरागत ज्ञान को ठीक से प्रोत्साहित किया जाए, तो उससे गरीब लोगों की आजीविका के लिए टिकाऊ ज़रिए विकसित...
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