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मजदूर के संघर्ष का प्रतीक- सिद्धेश्वर शुक्ला

सन् 1991 के बाद देश में आर्थिक सुधार के नाम पर बेतहाशा उदारीकरण की जो नीति अपनायी गयी, उसे सत्ता पक्ष और प्रमुख विपक्ष ने बड़ी मजबूती से केंद्र व राज्यों में लागू किया. उदारीकरण के दुष्परिणाम आज हमारे सामने हैं. उदारीकरण की नीतियों की वजह से न सिर्फ मजदूरों को नुकसान हुआ है, बल्कि परंपरागत उद्योग और कृषि बुरी तरह से चौपट होकर रह गये हैं. आज देश एक...

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हाशिये का समाज और राज- हरिराम मीणा

जनसत्ता 11 मार्च, 2013: किसी भी राष्ट्र-समाज के उन घटकों के सम्मिलित समाज को हाशिये का समाज कहा गया है, जो अगुआ तबके की तुलना में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर किन्हीं कारणों से पीछे रह गया है। इस सामान्यीकृत परिभाषा को विस्तार से समझने से पहले हाशिये शब्द पर थोड़ा विचार करना जरूरी है। किसी पृष्ठ में हस्तलेखन या टंकण करने से पूर्व शीर्ष पर और मुख्य रूप से बार्इं ओर...

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महिला सशक्तीकरण के वास्ते- केपी सिंह

जनसत्ता 8 मार्च, 2013: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की बात करना फैशन नहीं, जरूरत है। इक्कीसवीं शताब्दी में भी महिलाएं संविधान-प्रदत्त मूलभूत अधिकारों को पाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। यह जद्दोजहद नई नहीं, सहस्राब्दियों पुरानी है। मानव-सभ्यता जब पृथ्वी पर पनपने लगी तो पुरुष ने अपनी शारीरिक सामर्थ्य का फायदा उठाते हुए पहला अधिकार स्त्री पर जताया था। महिलाओं के शोषण की कहानी वहीं से शुरू हो...

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एक ऐसा कोर्ट जहां सिर्फ महिलाएं आएंगी नजर, सुना जाएगा सिर्फ 'आधी आबादी' का मामला

रायपुर। दिल्ली दुष्कर्म कांड के बाद बदली परिस्थिति में महिलाओं से जुड़े अपराधों और प्रताड़ना के मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए न्याय पालिका ने बड़ा फैसला किया है।    रायपुर जिला अदालत में एक कोर्ट को महिलाओं के लिए अधिसूचित कर दिया गया है। इस कोर्ट में जज भी महिला ही होगी। महिलाओं के मामलों की संवेदनशीलता व अपराध की प्रकृति को देखते हुए महिलाओं के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने का फैसला...

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जहां वे सेतु बनते हैं- मिहिर पंड्या

जनसत्ता 1 फरवरी, 2013: गणतंत्र दिवस की सुबह। जयपुर साहित्य उत्सव के उस सत्र का शीर्षक था ‘विचारों का गणतंत्र’। आशीष नंदी ने पहले उदाहरण देकर विस्तार से समझाया कि क्यों एक सवर्ण अभिजात का भ्रष्टाचार हमारी बनाई ‘भ्रष्टाचार’ की मानक परिभाषाओं में फिट नहीं होता और क्यों सिर्फ दलित का भ्रष्टाचार नजर आता है। इसलिए जब उन्होंने यह कहा कि भ्रष्टाचारियों का बहुमत वंचित जातियों से आता है तो उन्होंने अपनी...

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