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हिंदू राष्ट्र हो या न हो हम एक ग़ुंडा राज में ज़रूर तब्दील हो गए हैं

-द वायर, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने गुड़गांव में शुक्रवार को खुले स्थानों पर नमाज़ अदा करने पर कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा उठाई गईं आपत्तियों को लेकर एक सवाल के जवाब में गुड़गांव में संवाददाताओं से कहा, ‘यहां (गुड़गांव) खुले में नमाज़ पढ़ने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ कोई दूसरा सभ्य समाज होता तो उसका मुख्यमंत्री यह कहता, ‘यहां नमाज़ को बाधित करने वाली गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ गुड़गांव में पिछले कई...

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केंद्र व छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तकरार जारी, कैसे होगी धान की सरकारी खरीद

-डाउन टू अर्थ, छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर बुधवार से खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बार लगभग 105 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच चावल खरीदी के मुद्दे पर गतिरोध जारी है। पिछले साल करीब 92 लाख मीट्रिक टन धान राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी...

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सिर्फ 16 राज्य/UT के निजी स्कूलों में वंचित समूह के बच्चों को फ्री में पढ़ाया जाता हैः रिपोर्ट

-द प्रिंट, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स – एनसीपीसीआर) की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि देश भर में सिर्फ 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही वंचित समूहों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (एकनॉमिकली वीकर सेक्शंस- ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को बिना किसी शुल्क के निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश प्रदान किया जाता है. एनसीपीसीआर ने बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य...

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नवीनतम उपलब्ध एनएसओ डेटा: फसल वर्ष 2012-13 और 2018-19 के बीच महंगा हुआ खेती करना

एक अर्थशास्त्री से यह सुनना लगभग तय है कि अगर सरकार के हस्तक्षेप के लिए कुछ मुफ्त या रियायती दर पर उपलब्ध है, तो लोग ऐसे सामानों / वस्तुओं का अति प्रयोग या अधिक उपभोग करते हैं. तो, सबसे अच्छा समाधान इस तरह के 'लगभग मुफ्त में उपलब्ध' या 'अत्यधिक सब्सिडी वाले' सामान या वस्तुओं के लिए एक बाजार बनाना है. एक बार जब लोग ऐसे सामान/वस्तुओं के उपयोग या...

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राजस्व की लूट

-द कारवां, आदित्य बिरला समूह और वेदांता लिमिटेड भारत में उन पहले कारपोरेट दाताओं में से थे जिन्होंने कोविड-19 महामारी राहत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए गए और उन्हीं के द्वारा संचालित पीएम केयर्स फंड में भारी भरकम राशि दान दी थी. यह फंड मार्च 2020 में बनाया गया था और इसके बनने के पहले सप्ताह के भीतर ही आदित्य बिरला समूह ने 400 करोड़ रुपए तथा वेदांता ने...

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