शीशपाल सिंह, नोएडा। जिले में अपराध का ग्राफ पिछले पांच साल में करीब दो गुना बढ़ा है। इससे जाहिर होता है कि पुलिस अपराधों पर शिकंजा कसने में नाकामयाब साबित हो रही है। अपराधी धड़ल्ले से वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इससे लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र के मुकाबले देहात क्षेत्र में वाहन चोरी की वारदातें बढ़ी हैं। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक जहां 2008 में लूट...
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इस आंदोलन के निहितार्थ- आनंद प्रधान
जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: दिल्ली की वह बहादुर लड़की शरीर और मन पर हुए प्राणांतक घावों के बावजूद जीना चाहती थी। देश के करोड़ों लोग भी यही चाहते थे। लेकिन वह लड़ते हुए एक शहीद की तरह चली गई। यह सही है कि वह भारतीय समाज में स्त्रियों के खिलाफ होने वाली बर्बर यौन हिंसा और भेदभाव की पहली शहीद नहीं है और न आखिरी। उसके जाने के बाद भी दिल्ली,...
More »उदार पीढ़ी का उद्वेग- सुधीश पचौरी
जनसत्ता 4 जनवरी, 2012: पिछले करीब पंद्रह दिनों में एक युवा विमर्श प्रकट हुआ है, जो कई वजहों से ऐतिहासिक है। उसके कारक, लक्ष्य और परिणाम नए हैं। वह प्रकटत: स्वत:स्फूर्त स्वभाव से असंगठित और अराजनीतिक प्रतीत होता है। वह ‘परदुख कातर’ है। पुलिस प्रशासन और सत्ता से अन्याय के बरक्स न्याय के सवाल कर रहा है। वह बर्बरता के विरोध में है। वह एक ऐसा नागरिक समाज चाहता है, जिसमें...
More »बिहार की बच्ची की दास्तां...
राजस्थान के सीकर जिले में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई बिहार की ग्यारह साल की एक बच्ची पिछले पांच महीने से अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रही है. जयपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती नूर(काल्पनिक नाम) किसी भी आहट पर डरकर कांपने लगती है. डॉक्टरों के मुताबिक, उसे ठीक होने में अभी काफी समय लगेगा. नूर की बड़ी बहन रेहाना(काल्पनिक नाम) कहती हैं कि उन्हें अब भी धमकियां मिल...
More »पदोन्नति में आरक्षण का प्रश्न-उदित राज
जनसत्ता 27 दिसंबर, 2012: पदोन्नति में आरक्षण का विवाद अभी थमा नहीं है और निकट भविष्य में थमने वाला भी नहीं है। पिछले अठारह दिसंबर को राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए एक सौ सत्रहवां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित कर दिया था। दूसरे दिन यानी उन्नीस दिसंबर को इसे लोकसभा को पारित करना था। समाजवादी पार्टी के विरोध के कारण कई बार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।...
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