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खेतिहर संकट | पलायन (माइग्रेशन)
पलायन (माइग्रेशन)

पलायन (माइग्रेशन)

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What's Inside

 

माइग्रेशन इन इंडिया २००७-२००८, नेशनल सैंपल सर्वे,भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार-
http://mospi.nic.in/Mospi_New/upload/nss_press_note_533_15
june10.pdf
:


क. गुजरे ३६५ दिनों में पूरे परिवार का पलायन

• ग्रामीण इलाकों में पारिवारिक पलायन(हाऊसहोल्ड माइग्रेशन) का प्रतिशत १ रहा जबकि शहरी क्षेत्र में ३ फीसदी।

• ज्यादातर पलायन सूबे के अंदर ही हुआ। ग्रामीण इलाको में सपरिवार पलायन करने वालों में ७८ फीसदी और शहरी इलाको में सपरिवार पलायन करने वालों में ७२ फीसदी का पिछला आवास सूबे के अंदर ही था।

•ग्रामीण इलाको से सपरिवार पलायन करने वालों की तादाद अपेक्षाकृत ज्यादा(५७ फीसदी) रही।

• शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों से पलायन करने का प्रमुख कारण आजीविका की खोज थी। गांवों से ५५ फीसदी पलायन जीविका की खोज के कारण हुआ।
ख. पलायन करने वाले.
 
• भारत में २९  किसी ना किसी कारण से पलायन करने वालों की संख्या २९ फीसदी है।

• शहरों में पलायन की दर(कुल आबादी में पलायन करके आने वाले लोगों की तादाद) ३५ फीसदी है जबकि ग्रामीण इलाकों में यह दर २६ फीसदी है।

• शहर और गांव दोनों ही इलाकों में पलायन करने वालों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। ग्रामीण इलाके में पलायित लोगों में महिलाओं की तादाद ४८ फीसदी है जबकि पुरुषों की महज पांच फीसदी। शहरों में पलायित पुरुषों की तादाद २६ फीसदी है जबकि महिलाओं की ४६ फीसदी।

• ग्रामीण इलाके में अनुसूचित जनजाति में पलायन सबसे कम(२४ फीसदी) है।

• शहरी इलाके में ओबीसी तबके में पलायन सर्वाधिक कम(३३ फीसदी) जबकि अन्य वर्ग नामक कोटि में सर्वाधिक यानी ३८ फीसदी है।

• साक्षरता के हिसाब से देखें तो ग्रामीण इलाके में निरक्षर लोगों में पलायन का प्रतिशत ४ है जबकि स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त लोगों में यही प्रतिशत १४ का है।
• ग्रामीण इलाकों में जो लोग पलायन कर रहे हैं उनमें ९१ फीसदी का पलायन किसी ना किसी ग्रामीण इलाके से दूसरे ग्रामीण इलाके में हो रहा है जबकि ८ फीसदी शहर से ग्रामीण इलाके में पलायन करने वाले लोग हैं।

• शहरी पुरुष आप्रवासियों में ६० फीसदी और शहरी महिला आप्रवासियों में ५९ फीसदी ग्रामीण इलाके से पलायन करके शहर पहुंचे हैं।

• शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में महिलाओं के पलायन का सबसे बड़ा कारण शादी है। (ग्रामीण इलाके के लिए ९१ फीसदी और शहरी इलाके के लिए ६१ फीसदी) ।

•  पुरुष के पलायन का मुख्य कारण आजीविका की तलाश है (शहरी क्षेत्र के लिए ५६ फीसदी मामलों में और ग्रामीण क्षेत्र के लिए २९ फीसदी मामलों में )

• ग्रामीण इलाके से पलायन करने वाले ज्यादातर पुरुष स्वरोजगार में हैं। कुल पलायन करने वाले लोगों में १६ फीसदी स्वरोजगार में लगे थे. नए सिरे से हुए पलायन के बाद यह तादाद बढ़कर २७ फीसदी हो गई है।
• जहां तक शहरी इलाके के पलायन करने वाले पुरुषों का सवाल है, इसमें वेतनभोगी या नियमित मजदूरी हासिल करने वालों की तादाद में तेज बढ़ोतरी हुई है( पुराने पलायन करने वालों में वेतनभोगियों की तादाद १८ फीसदी थी तो नए सिरे से पलायन करने वालों के कारण यह तादाद बढ़कर ३९ फीसदी हो गई।


ग. सीमित अवधि के आप्रवासी

• सीमित अवधि के आप्रवासन की दर(आबादी में सीमित अवधि के लिए पलायन करने वालों का अनुपात) ग्रामीण इलाकों के लिए १.७ फीसदी जबकि शहरी इलाके के लिए १ फीसदी से भी कम रही।

• ग्रामीण इलाके से सीमित अवधि के लिए पलायन करने वालों में आधे से अधिक दिहाड़ी मजदूरी के काम में लगते हैं।
• सीमित अवधि के लिए पलायन करने वाले कुल लोगों में स्वरोजगार में लगे ग्रामीण पुरुषों की संख्या ३२ फीसदी है।



Rural Expert
 

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