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क्या मनरेगा बजट डूबती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए काफी है?

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2020-21, सामाजिक कार्यकर्ताओं और किसान समूहों (यहां और यहां क्लिक करें) को प्रभावित करने में विफल रहा हैं. अपनी प्रेस नोटों के माध्यम से, इन सगंठनों के सदस्य विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) और प्रधानमंत्री किसान विकास योजना (PM-KISAN)और ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी करने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर...

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बजट : पीएम किसान योजना के आवंटन में 20 फीसदी कटौती का अनुमान

केंद्र सरकार पहली फरवरी 2020 को पेश किए जाने वाले आम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के बजट में 20 फीसदी की कटौती कर सकती है। कृषि मंत्रालय ने इस योजना के लिए आम बजट में 60,000 करोड़ रुपये की मांग की है, जबकि 2019-20 के आम बजट में इस योजना के लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। सूत्रों के अनुसार संभावित लाभार्थियों की संख्या...

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राजनीतिक दलों की बढ़ती वित्तीय आय में अपारदर्शी चुनावी चंदा

साल 2019 बीतते-बीतते प्रमुख राजनीतिक दलों की वित्तीय आय और इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनाव में चंदे की नई व्यवस्था से जुड़ी कई खबरें और चर्चाएं सुनने को मिलीं. लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने और पत्रकारों ने आरटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी चंदा लेने के इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अपारदर्शी तंत्र पर सवालिया निशान खड़े किए. इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग...

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इन नीतियों से कृषि नहीं उबरेगी

“नीतियों का फोकस बदलें और प्रतिबंधों से मुक्त कर किसान को अपनी बुद्धिमानी से चयन करने दें” कृषि क्षेत्र की नीतियां बनाने में खाद्य सुरक्षा पर फोकस रहा है। यह वाजिब भी है क्योंकि देश में खाद्य वस्तुओं की कमी और आयात पर निर्भरता से निपटने के लिए हरित क्रांति इसी वजह से शुरू की गई। वाजिब कीमत पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हमारी नीतियों के केंद्र में रही और बाद...

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क्या पीएम किसान सम्मान निधि सिर्फ लोकसभा चुनाव जीतने का हथकंडा था

पंजाब के मानसा जिले के झंडा खुर्द गांव के रहने वाले किसान लालचंद के मोबाइल पर एक मैसेज आता है. मैसज अंग्रेजी में था, इसलिए वे पढ़ नहीं सकते. पड़ोसी को मैसेज दिखाने लालचंद उसके घर जाते हैं. यह मैसेज एम किसान के नाम से आया. उसमें लिखा था कि उन्हें पीएम किसान योजना की तीसरी किस्त नहीं मिल सकती क्योंकि उनका नाम सरकारी रिकॉर्ड में गलत है. झुंझलाए लालचंद...

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