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खेतिहर संकट | बेरोजगारी
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What's Inside

 

नेशनल सैंपल सर्वे के 66 वें दौर की गणना पर आधारित स्टेटस ऑव एजुकेशन एंड वोकेशनल ट्रेनिंग इन इंडिया-एनएसएसओ नामक दस्तावेज के कुछ तथ्य-

 

http://mospi.nic.in/Mospi_New/upload/nss_report_551.pdf


यह रिपोर्ट जुलाई 2009 से जून 2010 के दौरान संचालित एनएसएस के 66 वें दौर में रोजगार में बेरोजगारी की स्थिति पर किए गए आठवें पंचवार्षिक सर्वेक्षण पर आधारित है।  सर्वेक्षण के अंतर्गत 7402 गांवों और 5252 नगरीय प्रखंडों के 100957 परिवारों( ग्रामीण क्षेत्र के 59129 और नगरीय क्षेत्र के 41828)का अवलोकन करके आंकड़े एकत्र किए गए। रिपोर्ट की कुछ मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-

- तकरीबन 70 फीसदी परिवार ग्रामीण इलाके में बसते हैं यानि देश की जनसंख्या का 73 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाके में है।

- ग्रामीण इलाके में परिवार का औसत आकार 4.6 व्यक्तियों का है जबकि शहरी इलाके में 4.1 व्यक्तियों का। साल 2009-10 के दौरान भारतीय परिवारों में लिंग अनुपात औसतन 936 का था। प्रतिहजार पुरुषों पर ग्रामीण इलाके में महिलाओं की संख्या 947 थी जबकि शहरों में 909।

- साल 2009-10 के दौरान तकरीबन 52 फीसदी ग्रामीण परिवार स्वरोजगार में लगे थे जबकि 39 फीसदी ग्रामीण परिवार आमदनी के लिए मजदूरी पर निर्भर थे। शहरी इलाके में केवल 39 फीसदी परिवार ऐसे थे जिन्हें नियमित रोजगार के तौर पर आमदनी का स्थायी जरिया हासिल था, जबकि 41 फीसदी परिवार आमदनी के लिए स्वरोजगार पर निर्भर थे।

- ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 20 प्रतिशत और नगरीय क्षेत्र के करीब 6 प्रतिशत परिवारों में 15 वर्ष एवं उससे अधिक आयु वाला कोई भी सदस्य ऐसा नहीं था जो समझदारी के साथ एक साधारण संदेश को लिख या पढ़ सके।

- 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं के मामले में देखा गया कि ग्रामीण परिवारों के करीब 40 प्रतिशत और नगरीय परिवारों की करीब 15 प्रतिशत महिलायें साक्षर नहीं थीं।

- वैसे ग्रामीण परिवार जिनमें 15 वर्ष या इससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति साक्षर नहीं था, सबसे कम तादाद में केरल(1 फ्रतिशत) में पाये गए जबकि झारखंड में ऐसे परिवारों की तादाद 35 फीसदी थी। नगरीय क्षेत्रों में एक बार फिर से ऐसे परिवारों की सबसे कम तादाद केरल(0.4 फ्रतिशत) में थी जबकि बिहार के नगरीय क्षेत्रों में ऐसे परिवारों की संख्या 15 प्रतिशत पायी गई।

- भारत में साल 2009-10 के दौरान ग्रामीण इलाकों में साक्षरता केरल में सबसे अधिक(87फीसदी)  थी जबकि बिहार के ग्रामीण इलाकों में सबसे कम(53 फीसदी)। दूसरी तरफ प्रमुख राज्यों के नगरीय क्षेत्रों में यह साक्षरता जिन राज्यों में सर्वाधिक थी उनके नाम हैं- करेल, असम और हिमाचल( प्रत्येक में 88 प्रतिशत) उत्तरप्रदेश के नगरीय इलाकों में यह साक्षरता सबसे कम यानि 70 प्रतिशत पायी गई।

- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों में केवल 2 फीसदी के पास तकनीकी डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट थे। यह अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 1 प्रतिशत एवं नगरीय क्षेत्रों में 5 प्रतिशत था।

- 5 से 29 वर्ष की आयु-वर्ग के व्यक्तियों में शैक्षिक संस्था में वर्तमान उपस्थिति करीब 54 प्रतिशत था। पुरुषों में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत है जबकि महिलाओं में 50 फीसदी।

- ग्रामीण पुरुषों में(5-29 वर्ष) जो वर्तमान में उपस्थिति नहीं दे रहे थे लेकिन कभी किसी शैक्षिक संस्था में उपस्थित हुए थे,करीब 62 फीसदी ने बताया कि शैक्षिक संस्था में उनकी मौजूदा अनुपस्थिति का कारण परिवार के लिए अनुपूरक आमदनी जुटाना है। इस मामले में नगरीय क्षेत्र में ऐसा कहने वाले पुरुषों की संख्या 66 फीसदी थी।

- जहां तक ग्रामीण महिलाओं का सवाल है,46 फीसदी महिलाओं ने कहा कि घरेलू कार्य की बाध्यता के कारण अब उनका शैक्षिक संस्था में जाना संभव नहीं होता, लेकिन वे पहले जरुर किसी ना किसी शैक्षिक संस्था मे गई थीं। नगरीय क्षेत्र में ऐसा कहने वाली महिलाएं 47 प्रतिशत थीं।

- 15-29 वर्ष के व्यक्तियों में करीब 2 प्रतिशत ने औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की रिपोर्ट दरज की जबकि अन्य 5 प्रतिशत ने गैर-औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की रिपोर्ट दर्ज करवायी।

- 15-29 आयु वर्ग में उन व्यक्तियों का अनुपात जिन्होंने औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया , बेरोजगारों में सर्वाधिक था। नौकरी पाने वालों में ऐसे व्यक्तियों का अनुपात 2 फीसदी पाया गया जबकि बेरोजगारों में 12 प्रतिशत।

- 15-29 वर्ष के आयुवर्ग के व्यक्तियों में जिन्होंने औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था सबसे अधिक मांग वाला प्रशिक्षण का क्षेत्र कंप्यूटर ट्रेडस् था और 26 फीसदी ने ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त किया था।

- ग्रामीण पुरुषों में प्रशिक्षण की सर्वाधिक मांग ड्राइविंग और मोटर मैकेनिक के क्षेत्र(18 फीसदी) रही। ग्रामीण इलाके में इसके बाद प्रशिक्षण की सर्वाधिक मांग कंप्यूटर ट्रेडस्(17) फीसदी रही। शहरी क्षेत्र में प्रशिक्षण की सर्वाधिक मांग वाला क्षेत्र कंप्यूटर ट्रेडस् (30 फीसदी) रहा जबकि इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग में प्रशिक्षण का क्षेत्र  मांग के मामले में दूसरे नंबर(19 फीसदी) पर रहा।

• ग्रामीण इलाके की महिलाओं में प्रशिक्षण की सर्वाधिक मांग का क्षेत्र टैक्सटाईल(26 फीसदी) से संबंधित रहा। कंप्यूटर ट्रेडस की मांग 18 फीसदी रही जबकि स्वास्थ्य और इससे जुड़े देखभाल के कामों में प्रशिक्षण से संबंधित मांग का स्थान तीसरा(14 फीसदी) रहा। इसकी तुलना में शहरी क्षेत्र में महिलाओं के बीच प्रशिक्षण के मामले में सर्वाधिक मांग कंप्यूटर ट्रेडस्(32 प्रतिशत) की रही।

 

 

 



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