Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
खेतिहर संकट | बेरोजगारी
बेरोजगारी

बेरोजगारी

Share this article Share this article

What's Inside

 यह वार्षिक रिपोर्ट, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जुलाई 2018 से जून 2019 तक किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) पर आधारित है. इस सर्वे के लिए 12,720 प्रथम चरण इकाइयों - FSUs (6,983 गाँवों और 53737 शहरी ब्लॉकों) में 1,01,579 घरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 55,812 और शहरी क्षेत्रों में 45,767) और 4,20,757 व्यक्तियों (ग्रामीण क्षेत्रों में 2,39,817 व्यक्ति और शहरी क्षेत्रों में 1,80,940) की गणना की गई है. सर्वे में सामान्य स्थिति (पीएस + एसएस)  तथा वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्यूएस) दोनों में रोजगार व बेरोजगारी के सभी महत्वपूर्ण मापदंडों के अनुमान प्रस्तुत किए गए हैं. सामान्य स्थिति (ps + ss) दृष्टिकोण के लिए संदर्भ अवधि 1 वर्ष है और वर्तमान साप्ताहिक स्थिति दृष्टिकोण के लिए अवधि 1 सप्ताह है. शहरी क्षेत्रों में एक रोटेशनल पैनल नमूना डिजाइन का उपयोग किया गया था। इस रोटेशनल पैनल योजना में शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक चयनित घर का चार बार दौरा किया जाता है - शुरुआत में पहले दौरे में अनुसूची के साथ और तीन बार समय-समय पर पुनरीक्षण कार्यक्रम के साथ. ग्रामीण नमूनों में कोई पुनरावृत्ति नहीं हुई. यहां प्रस्तुत घरेलू और जनसंख्या, श्रम बल, कार्यबल और बेरोजगारी के अनुमान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पहले दौरे के अनुसूचियों में एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित हैं.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा की गई आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण की वार्षिक रिपोर्ट (जुलाई 2018 से जून 2019 तक) के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं, (देखने के लिए यहां क्लिक करें.)

सामान्य स्थिति में श्रम बल (ps+ss)

• लगभग 55.1 प्रतिशत ग्रामीण पुरुष, 19.7 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएँ, 56.7 प्रतिशत शहरी पुरुष और 16.1 प्रतिशत शहरी महिलाएँ श्रमिक थीं.

• 15-29 वर्ष की आयु वर्ग में भारत में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR-Labor Force Participation Rate) 38.1 प्रतिशत थी: जोकि ग्रामीण क्षेत्रों में 37.8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 38.7 प्रतिशत थी.

• 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में  भारत में श्रम बल भागीदारी दर 50.2 प्रतिशत थी: जोकि ग्रामीण क्षेत्रों में 51.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 47.5 प्रतिशत थी.

 श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) सामान्य स्थिति में (ps+ss)

• अखिल भारतीय स्तर पर श्रमिक-जनसंख्यान अनुपात (डब्ल्यूपीआर) लगभग 35.3 प्रतिशत था. यह ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 35.8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 34.1 प्रतिशत था.

• अखिल भारतीय स्तर पर श्रमिक-जनसंख्याह अनुपात (डब्ल्यूपीआर) ग्रामीण पुरुषों के लिए 52.1 प्रतिशत, ग्रामीण महिलाओं के लिए 19.0 प्रतिशत, शहरी पुरुषों के लिए 52.7 प्रतिशत और शहरी महिलाओं के लिए 14.5 प्रतिशत था.

• 15-29 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में, भारत में श्रमिक-जनसंख्याि अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 31.5 प्रतिशत था: इस आयु वर्ग में यह ग्रामीण क्षेत्रों में 31.7 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 30.9 प्रतिशत था.

• 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लिए भारत में श्रमिक-जनसंख्याक अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 47.3 प्रतिशत था: यह ग्रामीण क्षेत्रों में 48.9 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 43.9 प्रतिशत था.
 सामान्य स्थिति में श्रमिकों के रोजगार की स्थिति (ps+ss)

• भारत में स्वपोषित श्रमिकों की संख्या, ग्रामीण पुरुषों में 57.4 प्रतिशत, ग्रामीण महिलाओं में 59.6 प्रतिशत, शहरी पुरुषों में 38.7 प्रतिशत और शहरी महिलाओं में 34.5 प्रतिशत थी.

• श्रमिकों में, ग्रामीण पुरुषों में लगभग 14.2 प्रतिशत, ग्रामीण महिलाओं में 11.0 प्रतिशत, शहरी पुरुषों में 47.2 प्रतिशत और शहरी महिलाओं में 54.7 प्रतिशत नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारी थे.

• भारत में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले श्रमिकों का अनुपात ग्रामीण पुरुषों में लगभग 28.3 प्रतिशत, ग्रामीण महिलाओं में 29.3 प्रतिशत, शहरी पुरुषों में 14.2 प्रतिशत और शहरी महिलाओं में 10.3 प्रतिशत था.
 
सामान्य स्थिति में श्रमिकों के काम का उद्योग (पीएस+एसएस)

• 2018-19 के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों में, लगभग 53.2 प्रतिशत पुरुष श्रमिक और 71.1 प्रतिशत महिला श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे. ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे पुरुष और महिला श्रमिकों का अनुपात क्रमशः 15.4 प्रतिशत और 6.0 प्रतिशत था. ग्रामीण क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टक में काम कर रहे पुरुष और महिला श्रमिकों का अनुपात क्रमशः 7.3 प्रतिशत और 9.0 प्रतिशत था.

• 2018-19 के दौरान, शहरी भारत में लगभग 25.2 प्रतिशत पुरुष उद्योग, व्यापार, होटल और रेस्तरां क्षेत्रों में काम कर रहे थे, जबकि मैन्युफैक्चरिंग और 'अन्य सेवा’ क्षेत्रों में क्रमशः 21.9 प्रतिशत और 22.3 प्रतिशत शहरी पुरुष काम कर रहे थे.

• शहरी क्षेत्रों में महिला श्रमिक 'अन्य सेवा' क्षेत्र यानी सर्विस सेक्टर ('व्यापार, होटल और रेस्तरां' और 'परिवहन, भंडारण और संचार के अलावा') में सबसे अधिक अनुपात (45.6 प्रतिशत) में काम कर रही थीं, उसके बाद मैन्युफैक्चरिंग (24.5) प्रतिशत) और 'व्यापार, होटल और रेस्तरां' (13.8 प्रतिशत) में कार्यरत थीं.
 

अनौपचारिक क्षेत्र और सामान्य स्थिति में श्रमिकों के रोजगार की शर्तें (ps+ss)

• भारत में, गैर-कृषि क्षेत्र में 68.4 प्रतिशत श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्र में काम कर रहे थे. पुरुष श्रमिकों के बीच अनौपचारिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 71.5 प्रतिशत थी और गैर-कृषि में महिला श्रमिकों की संख्या लगभग 54.1 प्रतिशत थी.

• गैर-कृषि क्षेत्र में नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों में, 69.5 प्रतिशत के पास कोई लिखित नौकरी अनुबंध नहीं था: 70.3 प्रतिशत पुरुषों के पास और 66.5 प्रतिशत महिलाओं के पास कोई लिखित नौकरी अनुबंध नहीं था.

• गैर-कृषि क्षेत्र में नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों में, 53.8 प्रतिशत श्रमिक भुगतान छुट्टी (paid leave) के लिए पात्र नहीं थे: 54.7 प्रतिशत पुरुष और 50.6 प्रतिशत महिला श्रमिक भुगतान छुट्टी (paid leave) के लिए पात्र नहीं थी.

• गैर-कृषि क्षेत्र में नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों के बीच, 51.9 प्रतिशत श्रमिक किसी भी सामाजिक सुरक्षा लाभ के लिए पात्र नहीं थे: 51.2 प्रतिशत पुरुष और 54.4 प्रतिशत महिला श्रमिक किसी भी सामाजिक सुरक्षा लाभ के लिए पात्र नहीं थीं.
 
सामान्य स्थिति में बेरोजगारी दर (ps+ss) 

• देश में बेरोजगारी दर 5.8 प्रतिशत थी. ग्रामीण क्षेत्रों में, बेरोजगारी दर पुरुषों में 5.6 प्रतिशत और महिलाओं में 3.5 प्रतिशत थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में, पुरुषों में यह दर 7.1 प्रतिशत और महिलाओं में 9.9 प्रतिशत थी.

• 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के शिक्षित (माध्यमिक और उससे ऊपर के उच्चतम स्तर के) व्यक्तियों में, बेरोजगारी दर 11.0 प्रतिशत: ग्रामीण क्षेत्रों में 11.2 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 10.8 प्रतिशत थी.

• ग्रामीण पुरुष युवाओं (15-29 वर्ष की आयु के व्यक्तियों) के बीच बेरोजगारी दर 16.6 प्रतिशत थी जबकि 2018-19 के दौरान ग्रामीण महिला युवातियों में बेरोजगारी दर 13.8 प्रतिशत थी. शहरी पुरुष युवाओं में बेरोजगारी की दर 18.7 प्रतिशत थी जबकि शहरी महिला युवतियों में बेरोजगारी दर इस अवधि में 25.7 प्रतिशत थी.

कृपया ध्यान दें

श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर): एलएफपीआर को कुल आबादी में श्रम बल के अंतर्गत आने वाले व्यमक्तियों (अर्थात कहीं कार्यरत या काम की तलाश में या काम के लिए उपलब्धब) के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है.

कामगार-जनसंख्या अनुपात (डब्यू तल पीआर): डब्यू ने पीआर को कुल आबादी में रोजगार प्राप्तम व्य क्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है.

बेरोजगारी दर (यूआर) : इसे श्रम बल में शामिल कुल लोगों में बेरोजगार व्यबक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है.

कार्यकलाप की स्थिति- सामान्य  स्थिति : किसी भी व्यरक्ति के कार्यकलाप की स्थिति का निर्धारण निर्दिष्टर संदर्भ अवधि के दौरान उस व्यैक्ति द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर किया जाता है. जब सर्वेक्षण की तारीख से ठीक पहले के 365 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर कार्यकलाप की स्थिति का निर्धारण किया जाता है तो इसे उस व्येक्ति के सामान्यद कार्यकलाप की स्थिति के तौर पर जाना जाता है.

कार्यकलाप की स्थिति – वर्तमान साप्ताभहिक स्थिति (सीडब्यूि   एस) : जब सर्वेक्षण की तारीख से ठीक पहले के सात दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर कार्यकलाप की स्थिति का निर्धारण किया जाता है तो इसे उस व्याक्ति की वर्तमान साप्ता्हिक स्थिति (सीडब्यूथ   एस) के रूप में जाना जाता है.
 




Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close