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सशक्तीकरण | जेंडर
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What's Inside

 

एम्पॉवरिंग द थर्ड बिलियन- विमेन एंड द वर्ल्ड ऑव वर्क इन 2012 नामक दस्तावेज के अनुसार-

 

http://strategyand.pwc.com/media/uploads/BoozCo_Empowering
-the-Third-Billion_Full-Report.pdf

 

-दुनिया में 865 मिलियन महिलाएं अर्थव्यवस्था से बाहर हैं। इसमें 94 फीसद तादाद विकासशील देशों की महिलाओं की है और 6 फीसद तादाद विकसित देशों की महिलाओं की।

-साल 2020 तक अर्थव्यवस्था के दरवाजे के बाहर खड़ी महिलाओं की संख्या 1 अरब हो जाएगी।

-अगर महिलाओं के रोजगार की दर पुरुषों के रोजगार दर के बराबर हो तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 27 फीसदी का इजाफा हो सकता है।

-महिलाओं और पुरुषों के रोजगार-दर में बराबरी लाकर संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र सरीखी विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अपनी जीडीपी में क्रमश 12 और 34 फीसद का इजाफा कर सकती हैं।

-आबादी के मामले में दुनिया के देशों के बीच दूसरे नंबर पर मौजूद भारत का वैश्विक टैलेंट-पूल में 14 फीसद का योगदान है।55 लाख महिलाएं हर साल भारतीय कार्यबल में शामिल होती हैं।

 

-स्त्री-पुरुष की समानता स्थापित करने वाली नीतियों के बावजूद हर साल हिन्दुस्तान में तकरीबन 1,000 महिलाएं ऑनर कीलिंगका शिकार होती हैं।

-आर्थिक मामलों में, भारत स्त्री-पुरुष के बीच सर्वाधिक गैर-बराबरी वाले देशों में एक है। वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के एक सर्वे(2010) में भारत के बारे में कहा गया कि अगर वरिष्ठ प्रबंधकीय पदों की संख्या 10 हो तो उसमें 9 पर पुरुष मिलेंगे सिर्फ एक पर महिला।

-सरकार का भी इस मामले में रिकार्ड अच्छा नहीं कहा जाएगा। भारत में सरकार के द्वारा बहुत से ऐसे सामाजिक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें महिला कर्मचारी को न्यूनतम मजदूरी से भी कम भुगतान दिया जाता है और इन कार्यक्रमों से जुड़ी महिला कर्मचारी को रिटायर्मेंट, पेंशन या स्वास्थ्य सुविधा के मद में भी कुछ हासिल नहीं होता।

 -

 

रिपोर्ट में कहा गया है- अधिकतर भारतीय महिलाओं को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा, सामाजिक सेवा, परिवहन तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल नहीं है। अगर भारत अपनी महिला आबादी को आर्थिक रुप से मजबूत बनाना चाहता है तो उसे इन बुनियादी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। हालांकि भारत में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए अच्छा खासा जोर दिया गया है लेकिन भारत में विनिर्माण का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और इसके लिए व्यवसायिक रुप से हुनरमंद लोगों की जरुरत है जबकि देश की शिक्षा व्यवस्था इस मामले में मांग के अनुरुप पूर्ति नहीं कर पा रही है।

-रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था के बाहर खड़ी महिलाओं के हाथ मजबूत करने के मामले में भारत का स्थान 128 देशों के बीच 115 वां है जबकि चीन का 58 वां और ब्राजील का 46 वां।

 

 

 



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