Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
सशक्तीकरण | जेंडर
जेंडर

जेंडर

Share this article Share this article

What's Inside

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के दस्तावेज क्राइम इन इंडिया 2016 स्टैटिक्स(नवंबर 2017 में जारी) के मुताबिक, (देखने के लिए यहां क्लिक करें)

महिलाओं के खिलाफ अपराध

•  साल 2016 में महिलाओं के विरुद्ध हुए संज्ञेय अपराधों की दर 55.2 रही, साल 2015 में यह दर 54.2 थी. यहां अपराध दर की गणना के लिए महिलाओं के विरुद्ध हुए कुल संज्ञेय अपराधों में महिला आबादी की कुल संख्या से भाग देकर उसे 100000 की संख्या से गुणा किया गया है. संक्षेप में प्रति लाख महिला आबादी के खिलाफ हुए संज्ञेय अपराधों की संख्या. 

•  महिलाओं के खिलाफ हुए कुल अपराध(इंडियन पेनल कोड तथा एसएलएल के तहत) में हिस्सेदारी के प्रतिशत के हिसाब से देखें तो यूपी सबसे आगे (14.5 प्रतिशत) है. इसके बाद पश्चिम बंगाल(9.6 प्रतिशत), महाराष्ट्र(9.3 प्रतिशत) तथा राजस्थान(8.1 प्रतिशत) है.

• महिलाओं के खिलाफ हुए कुल संज्ञेय अपराधों की दर के लिहाज से असम सबसे आगे(131.3 अपराध प्रति लाख महिला आबादी) है. इसके बाद ओड़िशा(84.5) तथा तेलंगाना(83.7) का नंबर है.   

• साल 2016 में केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ हुए संज्ञेय अपराधों की दर सबसे ज्यादा (160.4) थी.

• बलात्कार से संबंधित संज्ञेय अपराधों की दर सिक्किम में सबसे ज्यादा ( 30.3) रही. बलात्कार संबंधी संज्ञेय अपराधों की दर के मामले में साल 2016 में इसके बाद दिल्ली (22.6) तथा अरुणाचल प्रदेश (14.7) का नंबर है.

• बलात्कार के 94.6  फीसद मामलों (आईपीसी के सेक्शन 376 तथा पोक्सो एक्ट के सेक्शन 4 और 6 के तहत दर्ज) मामलों में आरोपी को पीड़ित का परिचित पाया गया. 

• साल 2016 में बलात्कार संबंधी संज्ञेय अपराधों के कुल 38,947 मामले प्रकाश में आये.

• साल 2015 में बलात्कार संबंधी कुल 34651 मामले प्रकाश में आये थे, साल 2016 में ऐसे अपराधों की संख्या(38,947 ) में 12.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

• मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में क्रमश 4,882 (12.5 प्रतिशत) और 4,816 (12.4 प्रतिशत) बलात्कार के मामले प्रकाश में आये जो कि देश में सर्वाधिक है. साल 2016 में महाराष्ट्र में बलात्कार के 4,189 मामले (10.7 प्रतिशत)  प्रकाश में आये.

• महिला की गरिमा पर हमला करने की नीयत से हुए संज्ञेय अपराधों की की दर 13.8 रही. कुल संख्या के लिहाज से आंकड़ा 84,746 रही. 

•  साल 2016 में महिला के पति या उसके रिश्तेदारों के द्वारा क्रूरता के व्यवहार से संबंधित अपराधों की दर 18.0 रही. साल 2016 में ऐसे कुल अपराधों की संख्या 1,10,378 रही.

•  महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की संख्या में एक साल के भीतर( 2015 से 2015) 2.9 फीसद का इजाफा हुआ है. साल 2016 में महिलाओं के खिलाफ हुए कुल अपराधों की संख्या 3,38,954 थी जबकि 2015 में ऐसे अपराधों की तादाद  3,29,243 थी.

बच्चों के खिलाफ अपराध

• साल 2016 में भारत में बच्चों के खिलाफ हुए संज्ञेय अपराधों की दर 2014 में 20.1 थी, 2015 में यह बढ़कर 21.1 हो गई और 2016 में 24.0 पर जा पहुंची है. 

• बच्चों के खिलाफ हुए संज्ञेय अपराधों की दर के मामले में दिल्ली (146.0) सबसे आगे है. इसके बाद अंडमान निकोबार (61.4), चंडीगढ़ (55.5) तथा सिक्किम (55.0) का स्थान है.

• बच्चों को जान से मार देने के अपराध सबसे ज्यादा (21) उत्तरप्रदेश में हुए. इसके बाद ऐसे मामलों में राजस्थान और मध्यप्रदेश का नंबर है. इन दोनों राज्यों में प्रत्येक में साल 2016 में बच्चों को मार देने की 14 घटनाएं प्रकाश में आयीं.

 •  साल 2016 में भ्रूणहत्या के सबसे ज्यादा मामले(52) उत्तरप्रदेश में प्रकाश में आये. भ्रूणहत्या के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमशः राजस्थान ((21) और मध्यप्रदेश (19) हैं.

• बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध 2015 की तुलना में 2016 में बढ़े हैं. साल 2015 में बच्चों के खिलाफ 94,172 मामले प्रकाश में आये थे जबकि 2016 में 1,06,958 मामले. यह 13.6 फीसद की बढ़ोत्तरी है.

•  बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में अगवा और अपहरण के वारदात 52.3 फीसद रहे. इसके बाद एक बड़ी संख्या पोक्सो अधिनियम में वर्णित(बच्चों को यौन दुर्व्यवहार से बचाने का कानून) प्रावधानों के तहत दर्ज मामलों की संख्या रही. 

 



Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close