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सशक्तीकरण | नरेगा और सोशल ऑडिट
नरेगा और सोशल ऑडिट

नरेगा और सोशल ऑडिट

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What's Inside

 

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत एनुअल रिपोर्ट  2009-2010 के तथ्यों के अनुसार- 

http://rural.nic.in/annualrep0910/anualreport0910_eng.pdf:

 

साल  2009-2010 में दिसंबर 2009 तक नरेगा के अन्तर्गत 39,100 रुपयों में से 18950 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हुआ। इस अवधि में 160 करोड़ व्यक्ति कार्य-दिवसों का सृजन हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो नरेगा के अन्तर्गत दी गई औसत मजदूरी 65 रुपये ( वित्तवर्ष- 2006-07) से बढ़कर  वित्त-वर्ष 2009-10 में 88.48 रुपये हो गई। वित्त-वर्ष 2009-10 में 36.51 लाख काम हाथ में लिए गए। इसमें  51% काम जल-संरक्षण के16% काम ग्रामीण-संचार के, 14% भूमि-विकास और सिंचाई सुविधा आदि से जुड़े हैं।

 

 

 

•  नरेगा के क्रियान्वयन के पहले साल ( वित्तवर्ष 2006-07) में २०० जिलों में , 2.10 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला और 90.5 करोड़ व्यक्ति कार्य-दिवसों का सृजन हुआ। साल 2007-08 में 3.39 करोड़ परिवारों को इस योजना में रोजगार मिला और  कुल 330 जिलों में 143.59 करोड़ व्यक्ति कार्य-दिवसों का सृजन हुआ । साल  2008-09 में  4.51 करोड़ परिवारों को इस योजना में रोजगार मिला और पूरे देश में 216.32 करोड़ व्यक्ति कार्य-दिवसों का सृजन हुआ ।

 

 

 

•  राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो नरेगा के अन्तर्गत दी गई औसत मजदूरी 65 रुपये ( वित्तवर्ष- 2006-07) से बढ़कर  वित्त-वर्ष 2009-10 में 88.48 रुपये हो गई।साल 2008-09 में  67% धन का इस्तेमाल हुआ था जिसमें .18200.03 करोड़ रुपये मजदूरी के रुप में दिए गए। साल  2009-10 में 69% धन का इस्तेमाल हुआ जिसमें 18806.39 करोड़ रुपये मजदूरी के रुप में दिए गए।

 

वित्त-वर्ष 2008-09 में अनुसूचित जाति-जनजाति की नरेगा के कामों में भागीदारी ज्यादा (54%)  रही। कानूनी  तौर पर देखें तो नरेगा के कामों में महिलाओं की न्यूनतम भागीदारी एक तिहाई होनी चाहिए। महिलाओं की भागीदारी नरेगा के कामों में इससे ज्यादा रही है। साल 2008-09 में नरेगा के कामों में महिला भागीदारों की तादाद 48% थी जो वित्त-वर्ष 2009-10 में बढ़कर 49% हो गई।

 

 

 

नरेगा के अन्तर्गत बैंक या पोस्ट-ऑफिस खातों के जरिए भुगतान करना जरुरी है। मौजूदा वित्त-वर्ष 2009-10 में अब तक मजदूरी के भुगतान के लिए  8.57 करोड़ बैंक और पोस्ट-ऑफिस खाते खोले गए हैं।

 

 

 

मनरेगा के मजदूरों को एलआईसी जनश्री बीमा के नाम से बीमा का लाभ दे रही है। इस बात के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि मनरेगा के मजदूरों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिले।

 

 

 

•  वित्त-वर्ष  2008-09 में  नरेगा के अन्तर्गत 27.75 कामों को हाथ में लिया गया। इसमें  46% काम निर्माण-कार्य के थे। इसी तरह वित्त-वर्ष 2009-10 में  36.51 कामों को हाथ में लिया गया। इसमें  51% काम जल-संरक्षण के16% काम ग्रामीण-संचार के, 14% भूमि-विकास और सिंचाई सुविधा आदि से जुड़े हैं। हाथ में लिए गए 36.51 लाख कामों 13.75 लाख काम पूरे हो चुके हैं।   

 


Rural Expert
 

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