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सशक्तीकरण | नरेगा और सोशल ऑडिट
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What's Inside

  

परफॉर्मेन्स, इनिशिएटिव्स एंड स्ट्रेटजिज्(वित्तवर्ष 2015-16 तथा वित्तवर्ष 2016-17) शीर्षक ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के मुख्य तथ्य--

http://nrega.nic.in/Netnrega/WriteReaddata/Circulars/MGNREGA_PerformanceReport27June2016.pdf 

 

• मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है.

 

• वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ.

 

• वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर रोजगार हासिल हुआ जो कि बीते दिन सालों में अधिकतम है.

 

• वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में तकरीबन 48.5 लाख परिवारों को 100 दिन का रोजगार हासिल हुआ.

 

• सूखा प्रभावित राज्यों में 28.35 लाख परिवारों को मनरेगा के अंतर्गत 100 दिन का रोजगार हासिल हुआ यानी कुल सूखा प्रभावित राज्यों कुल परिवारों में कुल 5.9 फीसद परिवार ही 100 दिन का रोजगार पा सके.

 

• वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसत मजदूरी 154 रुपये की रही.

 

• वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में कुल 43,848 करोड़ रुपये खर्च हुए जो कि इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से अधिकतम है.

 

• मनरेगा के अंतर्गत हुए जल-संरक्षण, जल-प्रबंधन, सिंचाई, परंपरागत जलाशय, वनीकरण तथा भू-विकास के कामों से तकरीबन 46.57 लाख हैक्टेयर भूभाग को लाभ पहुंचा है.

 

• मनरेगा के अंतर्गत हुए कुल काम में 42 फीसद काम ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास के हैं, 34 फीसद कमजोर तबके के लोगों के लिए निजी संपदा सृजन के, 22 फीसद काम प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के जबकि केवल 2 फीसद काम राष्ट्रीय आजीविका मिशन से संबंद्ध सेल्फ हैल्प ग्रुप्स के लिए तैयार किए जाने वाले कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर के.

 

• मनरेगा के अंतर्गत हुए खर्च में 45 फीसद व्यय ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर, 41 फीसद प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन पर तथा 14 फीसद कमजोर तबके के लिए निजी संपदा सृजन के कामों पर लगा.

 

• कार्यक्रम की शुरुआत के वक्त से चालू किए गए तकरीबन 85 फीसद काम 31 मार्च 2015 तक पूरे किए जा चुके थे.

 

• भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के लिहाज से किए गए मनरेगा के कामों से 3.57 लाख परिवारों को फायदा हुआ है.

 

• जीविका की स्थिति में सुधार के लिहाज से किए गए मनरेगा के कामों से 8.2 लाख परिवारों को फायदा हुआ है.

 

• बंजर भूमि को उपयोगी बनाने के मनरेगा के काम से 7.17 लाख परिवारों को फायदा हुआ है.

 

• तकरीबन 11.53 लाख परिवार मनरेगा के अंतर्गत हुए गृह-निर्माण के कार्यों से लाभान्वित हुए हैं.

 

• मनरेगा के अंतर्गत पशुधन के विकास के कार्यों से 3.19 लाख परिवारों को फायदा हुआ है.

 

• मनरेगा में काम कर रहे 10.78 करोड़ मजदूरों के खाते बैंक और पोस्टऑफिस में हैं, 94 फीसद मामलों में मजदूरी का भुगतान लाभार्थी के खाते में इलेक्ट्रानिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए होता है. साल 2016-17 में तकरीबन 60 फीसद भुगतान समय पर हुए. 

 



Rural Expert
 

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