Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
भूख | सवाल सेहत का
सवाल सेहत का

सवाल सेहत का

Share this article Share this article

What's Inside

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वायुप्रदूषण संबंधी नए आंकड़ों के अनुसार-

http://www.who.int/mediacentre/news/releases/2011/air_poll
ution_20110926/en/index.html

 

·     91 देशों के 1100 शहरों में 100 000 निवासियों के सेहत संबंधी मामलों के अध्ययन के आधार पर विश्वस्वास्थ्य संगठन का ताजा आकलन (2011-26 सितंबर) कहता है कि शहरों में वायुप्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में बड़ा खतरनाक हो उठा है।

 

·    विश्व-स्वास्थ्य संगठन का आकलन है कि प्रतिवर्ष 20 लाख लोगों की मृत्यु इनडोर और आऊटडोर वायुप्रदूषण के कारण उत्पन्न सूक्ष्मकणों के श्वसन से होती है। ये सूक्ष्म कण  PM10 कहलाते हैं यानी इनका आकार 10 माईक्रोमीटर से कम होता है और श्वसन के जरिए ये कण रक्त में मिल जाते हैं। रक्त में मिलकर ये कण हृदयाघात, कैंसर, अस्थमा और कई अन्य श्वसनरोगों के कारक बनते हैं।

 

·   विश्वस्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के अनुसार PM10 की मौजूदगी वायु में 20 माईक्रोग्राम प्रतिक्यूबिक (µg/m3)  मीटर होनी चाहिए लेकिन संगठन के ताजा आंकड़ों के अनुसार PM10 कणों की मौजूदगी कई शहरों 300 µg/m3 तक पहुंच गई है।

·   अध्ययन के अनुसार पीएम-10 कणों की मौजूदगी शहरों में आम परिघटना बन चली है और इसका मुख्य स्रोत ऊर्जासंयंत्र तथा मोटरवाहन हैं।

 

·     अधिकतर शहरों की वृहत्तर आबादी विश्वस्वास्थ्य संगठन के वायुप्रदूषण संबंधी मानक (20 µg/m3) से कहीं ज्यादा मात्रा में पीएम-10 कणों को श्वसन के जरिए अपने ग्रहण कर रही है।

 

·  विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशक( पब्लिक हैल्थ एंड एन्वायर्नमेंट) डाक्टर मारिया नीरा के अनुसार- " अगर हम वातावरणीय कारकों का पर्याप्त प्रबंधन कर सकें तो श्वसन रोग तथा कैंसर से होने वाली असामयिक मृत्यु की घटनाओं में बड़े पैमाने पर कमी की जा सकती है। पूरी दुनिया में शहरों में वायु धुएं, फैक्ट्री जनित उत्सर्जन और ऊर्जासंयंत्रों के कारण नाना पदार्थों से घनीभूत हो रही है। कई शहरों में वायु की गुणवत्ता बहाल करने के नियम नहीं बनाये गए है। जहां ये नियम बनाये गए हैं वहां भी क्रियान्वयन बड़ा कमजोर है और राष्ट्रीय मानक विश्वस्वास्थ्य संगठन के मानकों से मेल नहीं खाते। "

 

·   यदि पीएम-10 कणों की औसत सालाना मात्रा 70 µg/m3 से घटकर 20 µg/m3 पर आ जाय तो वायुप्रदूषण से होने वाली मृत्यु की तादाद में 15 फीसदी की कमी की जा सकेगी।

 

·   विकसित और विकासशील, दोनों ही श्रेणियों के देशों में शहरी क्षेत्रों में आऊटडोर वायुप्रदूषण की बड़ी वजह मोटरवाहन, छोटी श्रेणी के मैन्युफैक्चरर्स, बायोमॉस और कोयले का प्रज्जवलन तथा ईंधन के रुप में कोयला का इस्तेमाल करने वाले ऊर्जा संयंत्र हैं।

·    साल 2008 में शहरी इलाकों में प्रदूषण के कारण विश्वभर में 10 लाख 34 हजार लोग असामयिक मृत्यु के शिकार हुए। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों( वायुप्रदूषण से संबंधित क्वालिटी गाईडलाईन- PM10=20μg/m3 and PM2.5=10 ) का पालन किया गया होता तो इसमें से 10 लाख 90 हजार जिन्दगियों को बचाया जा सकता था।

 

·   साल 2004 में शहरी क्षेत्रों में आऊटडोर वायु-प्रदूषण से 10 लाख 15 हजार लोगों की मृत्यु हुई। इसकी तुलना में साल 2008 में आऊटडोर वायु-प्रदूषण से मरने वालों की तादाद में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।

·     इस बढोतरी का कारण हाल के सालों में वायुप्रदूषण में होने वाली वृद्धि और शहरी क्षेत्रों का बढ़ना है।

 

·     दुनिया में वातावरणीय कारणों से होने वाली बीमारियों का हिस्सा 23% फीसदी है।

 

·     हर साल 20लाख लोग दुनिया में जलावन जनित धुएं से होने वाली बीमारी के कारण मरते हैं।

 

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close