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भूख | सवाल सेहत का
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक टीबी रिपोर्ट-2022 जारी की. पढ़ें रिपोर्ट की मुख्य बातें.
रिपोर्ट को पढ़ने के लिए कृपया यहाँ, यहाँ और यहाँ क्लिक कीजिये

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में विश्व क्षय रोग (टीबी) रिपोर्ट 2022 जारी की है.रिपोर्ट दुनियाभर में क्षय रोग की वस्तुस्थिति को उकेरती है।


टीबी के कारण वर्ष 2021 में 1.6 मिलियन लोगों की मौतें हुई। इसमें एचआईवी नेगेटिव टीबी संक्रमण धारी लोगों की संख्या 1.4 मिलियन है 


वर्ष 2021 में लगभग 6.4 मिलियन लोगों में टीबी की पहचान (शिनाख्त) हुई। 


भारत में वर्ष 2021 में 21.4 लाख टीबी के नए मामले सामने आये हैं। यह मामले वर्ष 2020 की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक हैं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्ष 1997 से क्षय रोग पर रिपोर्ट जारी कर रहा है। क्षय रोग, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है। टीबी के कारण मनुष्य के फेफड़े सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। (टीबी पर.. लेख के अंतिम भाग में।)
  • विश्व में वर्ष 2020 में 5.83 मिलियन लोगों में टीबी संक्रमण की शनाख़्त हुई थी। वहीं वर्ष 2021 में 6.42 मिलियन लोगों में टीबी की शनाख़्त हुई।
  • वर्ष 2019 में 7.12 मिलियन लोगों में टीबी संक्रमण की शिनाख्त की गई थीं।
  • विश्व भर में कोरोना महामारी के समय में टीबी के मामले कम हुए थे। जिन देशों में कम हुए थे, उनमें भारत का स्थान पहले नंबर पर था।
  • विश्व भर में बहु दवा प्रतिरोधी टीबी संक्रमित लोगों की संख्या वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में बढ़ी हैं। लेकिन 2019 की तुलना में कम है।

 

विश्व भर में टीबी की स्थिति

इस रिपोर्ट में 202 देशों और क्षेत्रों सहित लगभग 99 फीसदी से अधिक टीबी के मामलों का उल्लेख किया गया है। (शामिल किए गए आंकड़े संबंधित क्षेत्र की हुकूमतों ने भेजे थे।)
 
वर्ष 2021 में – प्रति एक लाख लोगों में 134 लोग टीबी से ग्रसित हैं।
ऐसे मरीज जो एचआईवी से ग्रसित भी हैं और टीबी से संक्रमित भी, विश्वभर में एक लाख लोगों पर उनकी संख्या 8.9 है।
दुनियाभर में एमडीआर या आरआर प्रकार की टीबी वाले लोग प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 5.7 है।

वैश्विक पटल पर एचआईवी नेगेटिव टीबी धारी लोगों की मृत्यु दर 1 लाख लोगों पर 17 व्यक्ति है।

टीबी के ऐसे मरीज जो एचआईवी पॉजिटिव हैं, उनमें मृत्यु दर प्रति एक लाख पर 2.4 व्यक्ति है।

भारत और टीबी

  • भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक क्षय रोग को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।
  • दुनिया भर के कुल मरीजों में 28 फीसदी टीबी रोगी भारत के रहने वाले हैं।
  • भारत की 1 लाख जनसंख्या में 210 लोग टीबी से पीड़ित हैं।
  • वर्ष 2021 में बहुऔषध–प्रतिरोधक टीबी के मामलों में वृद्धि 2.5 प्रतिशत रही।

जैसा की हमने आपको शुरुआत में बताया टीबी नामक जीवाणु से होती है। यह जीवाणु माइकोबैक्टीरियासी परिवार से ताल्लुकात रखता है। भारत में दुनिया के सबसे अधिक टीबी मरीज निवास करते हैं। टीबी पर हम टीबी रिपोर्ट पर लिखा हमारा न्यूज अलर्ट यहाँ से पढ़ें:)

टीबी के चार प्रकार होते हैं।

पहला है – टीबी। यानी शख्स जीवाणु से संक्रमित हो गया है।

दूसरा, दवा प्रतिरोधी टीबी (DR–TB)। इलाज के लिए उपलब्ध दवाइयों में से कुछ दवाओं का असर मरीज पर नहीं होता है।

तीसरा, बहुऔषध–प्रतिरोधक टीबी (MDR–TB)। जब मरीज पर दो शक्तिशाली दवाइयां काम करना बंद कर दे।

चौथा, व्यापक रूप से ड्रग प्रतिरोधी टीबी (XDR–TB)। जब चार असरदार दवाईयां काम करना बंद कर दे।


 

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