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भूख | सवाल सेहत का
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What's Inside

वर्ष 2030 तक वैश्विक मातृ मृत्यु अनुपात (MMRatio) को कम करने के लिए द ऐन्डिंग प्रीवेन्टेबल मैटेरनल मोर्टेलिटी (EPMM) लक्ष्य को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) लक्ष्य 3.1 (2030 तक वैश्विक MMRatio को घटाकर 70 लाख प्रति जन्म से कम करने) के तौर पर अपनाया गया था. मृत्यु दर में कमी लाने का लक्ष्य महत्वपूर्ण है, लेकिन मातृ मृत्यु दर की सटीक सूचना चुनौतीपूर्ण बनी हुई है और कई मौतें अभी भी आंकड़ों में दर्ज नहीं हो पा रही हैं. कई देशों में अभी भी अच्छी तरह से कामकाजी नागरिक पंजीकरण और महत्वपूर्ण सांख्यिकी (CRVS) सिस्टम का अभाव है, और जहां इस तरह के सिस्टम मौजूद हैं, वहां पर भी त्रुटियों को दर्ज करने – अधूरे आंकड़े (अपंजीकृत मौतें, "लापता" भी कहा जाता है) या मौत के सही कारण दर्ज न हो पाने जैसी बड़ी चुनौतियां सही डाटा दर्ज करने में बाधा उत्पन्न करती हैं. 'मातृ मृत्यु दर के रुझान 2000 से 2017’ नामक रिपोर्ट जोकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), विश्व बैंक समूह, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कार्यक्रम द्वारा तैयार की गई है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2000 और 2017 के बीच मातृ मृत्यु दर के क्षेत्रीय और देश-स्तरीय अनुमान और रुझानों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करती है. 

इस रिपोर्ट में प्रस्तुत किए गए नए अनुमान उन सभी पूर्व प्रकाशित अनुमानों से भिन्न हैं जो एक ही समय अवधि के भीतर आते हैं. 2000 से लेकर 2017 तक मातृ मृत्यु दर में प्रवृत्तियों की व्याख्या के लिए केवल इन अनुमानों का उपयोग करने के लिए थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए. कार्यप्रणाली और डेटा की उपलब्धता में आए बदलावों के कारण इस रिपोर्ट और पिछले अनुमानों के बीच अंतर की व्याख्या केवल समयावधि तक सीमित करके नहीं देखे जा सकते. इसके अलावा, समय के साथ मातृ मृत्यु अनुपात में बदलाव की व्याख्या करते समय, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मातृ मृत्यु अनुपात का स्तर पहले से कम होने पर मातृ मृत्यु अनुपात को कम करना आसान है. 

कृपया ध्यान दें कि मातृ मृत्यु अनुपात, प्रति 1 लाख जीवित जन्मों पर उन महिलाओं की संख्या है जो गर्भवती होने के कारण या गर्भावस्था के दौरान या गर्भपात के 42 दिनों के भीतर गर्भावस्था से संबंधित कारणों से मर जाती हैं. 
 
 'मातृ मृत्यु दर के रुझान (सन् 2000 से 2017 तक)’: डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, विश्व बैंक समूह, यूएनएफपीए और यूनाइटेड नेशन्स पोपुलेशन डिवीजन द्वारा जारी रिपोर्ट (सितंबर 2019 में जारी) के अनुमान इस प्रकार है (देखने के लिए यहां और यहां क्लिक करें.)

• वर्ष 2017 में विश्वभर में अनुमानित मातृ मृत्यु के लगभग एक तिहाई (35 प्रतिशत) मामले नाइजीरिया और भारत में दर्ज किए गए. नाइजीरिया और भारत में क्रमशः लगभग 67,000 और 35,000 (वैश्विक मातृ मृत्यु का 23 प्रतिशत और 12 प्रतिशत) मातृ मृत्यु हुईं, जोकि विश्वभर में सबसे अधिक थी.

 • भारत में वर्ष 2000 में मातृ मृत्यु दर 370, वर्ष 2005 में 286, वर्ष 2010 में 210, वर्ष 2015 में 158 और 2017 में 145 थी. इसलिए, वर्ष 2000 और 2017 के बीच देश की मातृ मृत्यु दर लगभग 61 प्रतिशत कम हुई.

 • चीन के लिए मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 में 59, वर्ष 2005 में 44, वर्ष 2010 में 36, वर्ष 2015 में 30 और वर्ष 2017 में 29 थी. इस हिसाब से, वर्ष 2000 और 2017 के बीच चीन की मातृ मृत्यु दर लगभग 51 प्रतिशत कम हुई.

 • भारत और चीन के बीच मातृ मृत्यु दर में पूर्ण अंतर 2000 में 311 से घटकर 2017 में 116 रह गया है. देश का मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 में चीन से 6.3 गुना था, जो वर्ष 2017 में घटकर 5 गुना हो गया है.

 • बांग्लादेश की मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 में 434, वर्ष 2005 में 343, वर्ष 2010 में 258, वर्ष 2015 में 200 और वर्ष 2017 में 173 थी. इस हिसाब से बांग्लादेश की मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 और 2017 के बीच लगभग 60 प्रतिशत कम हुई है.

 • बांग्लादेश और भारत के बीच मातृ मृत्यु दर में पूर्ण अंतर वर्ष 2000 के 64 से घटकर 2017 में 28 हो गया है.

 • श्रीलंका के लिए मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 में 56, वर्ष 2005 में 45, वर्ष 2010 में 38, वर्ष 2015 में 36 और वर्ष 2017 में 36 थी. इस हिसाब से वर्ष 2000 और 2017 के बीच श्रीलंका की मातृ मृत्यु दर लगभग 36 प्रतिशत कम हो गई है.

 • पाकिस्तान की मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 में 286, 2005 में 237, 2010 में 191, 2015 में 154 और 2017 में 140 थी. इस हिसाब से वर्ष 2000 से लेकर 2017 के बीच पाकिस्तान में मातृ मृत्यु दर में लगभग 51 प्रतिशत की गिरावट आई.

• दक्षिण एशिया के लिए मातृ मृत्यु दर वर्ष 2000 में 395, 2005 में 309, 2010 में 235, 2015 में 179 और 2017 में 163 थी. इसहिसाब से वर्ष 2000 और 2017 के बीच दक्षिण एशिया की मातृ मृत्यु दर लगभग 59 प्रतिशत कम हुई है. 

• वर्ष 2017 में विश्वभर में अनुमानित मातृ मृत्यु के लगभग 86 प्रतिशत (2,54,000) मामले उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिणी एशिया में दर्ज किए गए थे, जिसमें लगभग 66 प्रतिशत (1,96,000) मामले उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिणी एशिया में लगभग 20 प्रतिशत (58,000) मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा, दक्षिण-पूर्वी एशिया में 5 प्रतिशत(16,000) से अधिक मामले दर्ज हुए.

 


 

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